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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे। अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
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श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
यस्तु कुंजिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि